Doda Encounter News: रक्षाबंधन पर हर बहन राखी बांधने के लिए अपने भाई का बेसब्री से इंतजार करती है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। लेकिन सोचिए उस बहन पर क्या गुजरी होगी जब रक्षाबंधन से पांच दिन पहले भाई की शहादत की खबर आई।
जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकी हमले में बलिदान हुए दून के कैप्टन दीपक सिंह दो बहनों के इकलौते भाई थे। वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। तीन माह पहले ही उनकी छोटी बहन ज्योति की शादी हुई थी, जिसमें शामिल होने के लिए दून आए हुए थे। बड़ी बहन मनीषा केरल में रहती है।
बलिदानी के माता-पिता उन्हीं के पास केरल गए हुए थे। रक्षा बंधन नजदीक है और बहनें इसकी तैयारी में जुटी हैं। कैप्टन दीपक की बहनें भी उनकी सलामती की दुआ कर रही थी, पर नियति को कुछ और ही मंजूर था। मन में भाई को देखने का अरमान था, पर अब तिरंगा में लिपटा उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचेगा
एक तरफ आजादी की जश्न, दूसरी तरफ शहादत का गम. कैप्टन दीपक सिंह की कहानी
आज देश आजादी का जश्न मना रहा है. कुछ दिनों बाद रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाएगा. बहन और भाई के प्यार, त्याग, समर्पण के इस त्योहार को सभी को इंतजार रहता है. भाई की कलाइयों में सुंदर राखी पहनाने के लिए बहनें न जानें कितने दिनों से तैयारियों में जुट जाती हैं. भाई फौज में हो तो ये इंतजार कभी-कभी लंबा हो जाता है. कभी-कभी ये इंतजार की घड़ियां खत्म ही नहीं होती. कैप्टन दीपक सिंह एक दिन पहले जम्मू के डोडा में सुरक्षाबलों से लोहा लेते शहीद हो गए. सबसे पहले पूरा स्पीड न्यूज़ परिवार कैप्टन दीपक की शहादत को सलाम करता है. ईश्वर से कामना करता है कि इस भयंकर दुख की घड़ी में उनके परिवार को हौसला दे. उस परिवार को सलाम जिसने अपने लाल को सरहद में भेजा. उस मां को सलाम जिसने अपनी कोख से ऐसे शूरवीर योद्धा को जन्म दिया. ऐसे पिता को सलाम जिसकी छांव में दीपक जैसा बेटा आगे बढ़ा.