उत्तराखंड में इस साल 4.25 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य, 48 से 72 घंटे में किसानों को भुगतान,

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उत्तराखंड में खरीफ सीजन की धान कटाई के साथ ही सरकारी धान खरीद प्रक्रिया भी तेजी से शुरू हो गई है. राज्य सरकार ने इस वर्ष कुल 5.25 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें कुमाऊं मंडल को 4.25 लाख टन और गढ़वाल मंडल को 0.5 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया है.

एक अक्टूबर 2025 से धान और मंडुवा की खरीद की प्रक्रिया शुरू: राज्य भर में एक अक्टूबर 2025 से धान और मंडुवा की खरीद की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू की जा चुकी है. इसके लिए प्रदेश भर में 625 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से कुमाऊं मंडल में 276 केंद्र संचालित किए जा रहे हैं.

48 से 72 घंटों के भीतर भुगतान: खाद्य विभाग के आरएफसी चंद्र सिंह मार्तोलिया ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए ई-खरीद पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है. पंजीकृत किसानों को उनका भुगतान 48 से 72 घंटे के भीतर उनके खातों में हस्तांतरित किया जाएगा.

80 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका: उन्होंने बताया कि अब तक किसानों को 80 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है, जबकि धान खरीद प्रक्रिया निरंतर जारी है. मार्तोलिया ने बताया कि अब तक राज्य में 22 प्रतिशत धान की खरीद पूरी हो चुकी है और विभाग को उम्मीद है कि 30 नवंबर तक 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा.

धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य: धान खरीद की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है. इस वर्ष सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सामान्य श्रेणी के लिए ₹2369 प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए श्रेणी के लिए ₹2389 प्रति क्विंटल तय किया है.

किसान को भुगतान में देरी न हो: विभागीय अधिकारियों के अनुसार मौसम में सुधार आने के बाद किसानों ने खेतों में कटाई और बिक्री की गतिविधियों में तेजी दिखाई है. किसानों को अब खरीद केंद्रों पर अपनी उपज बेचने में आसानी हो रही है. सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी किसान को भुगतान में देरी न हो और केंद्रों पर पारदर्शिता के साथ खरीद की जाए.

इसके साथ ही जिलास्तरीय समितियों को नियमित निरीक्षण करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. आरएफसी मार्तोलिया ने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि किसान को उचित मूल्य और समय पर भुगतान मिले. सरकार का लक्ष्य है कि इस वर्ष राज्य में धान खरीद प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और किसान हित में सफल हो.

 

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