क्षैतिज आरक्षण विधेयक की मंजूरी राखी का उपहार : कैलाश पंडित

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किच्छा। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी संयुक्त मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आंदोलनकारी कैलाश पंडित ने राज्य सरकार की नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक को राजभवन से स्वीकृति मिलने पर खुशी जताई है। उन्होंने इसे संघर्ष का परिणाम बताते हुए कहा कि रक्षाबंधन पर इससे बड़ा उपहार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वर्तमान उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा उत्तराखंड के राज्य आंदोलन कार्यों को सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण देकर जो कार्य किया है वह उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए संघर्षरत प्रत्येक व्यक्ति के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण यहां की भौगोलिक परिस्थितियों से जूझ रहे बेरोजगारों शिक्षित युवाओं तथा अन्य जटिल समस्याओं के निराकरण हेतु किया गया था किंतु अभी इस पर धरातल पर रहकर कार्य करने की आवश्यकता है ।यह भी कहा कि जिस प्रकार उत्तराखंड राज्य आंदोलन कार्यों के लिए सरकार वचनबद्ध है ।उसी प्रकार संपूर्ण उत्तराखंड के प्रत्येक शिक्षित बेरोजगार युवा के लिए भी उत्तराखंड की सरकारों को जागना होगा प्रत्येक व्यक्ति को रोजी-रोटी के लिए व्यवस्थाएं सरकार को देनी होगी उन्होंने कहा कि रोजगार की कमी के कारण पर्वतीय क्षेत्र से पलायन हो रहा है जिसको रोकने के लिए भी भरसक प्रयास करने होंगे अन्यथा चीन से लगती हमारी सीमाओं में सुरक्षा की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। धामी सरकार को चाहिए कि सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रत्येक व्यक्ति के लिए रोजगार परक संसाधनों का विकास करें ताकि पर्वती क्षेत्र से पलायन को रोका जा सके और देश की सीमाओं को सुरक्षित किया जा सके। आंदोलनकारी लंबे समय से आंदोलनरत थे। पूर्व में कई बार मुख्यमंत्री आवास कूच किया गया तो कई बार जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया था। रविवार को राज्य आंदोलनकारियों को राज्य सरकार की नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलने का रास्ता साफ होने पर उन्होंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री का आभार जताया।

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