पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का निधन, लंबे समय से थे बीमार गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन

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नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह का शनिवार रात लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 93 वर्ष के थे. पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उन्होंने दिल्ली के निकट गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां वह पिछले कुछ सप्ताह से भर्ती थे.

नटवर सिंह का जन्म 1931 में राजस्थान के भरतपुर जिले में हुआ था. वे एक पेशेवर राजनयिक थे, जिन्होंने कूटनीति के क्षेत्र में अपने राजनीतिक जीवन में बहुत अनुभव प्राप्त किया और महाराजा के जीवन से लेकर विदेशी मामलों की बारीकियों तक के विषयों पर एक अनुभवी लेखक थे.अपने प्रतिष्ठित करियर के दौरान, उन्होंने अनेक भूमिकाएं निभाईं और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए पूर्व विदेश मंत्री को 1984 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. शनिवार देर रात एक पारिवारिक सूत्र ने बताया, ‘उनका बेटा अस्पताल में है और उनके अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक राज्य से कई और परिवार के सदस्य दिल्ली आ रहे हैं.’

वह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे. सूत्र ने बताया कि शनिवार देर रात उनका निधन हो गया. पूर्व कांग्रेस सांसद सिंह, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-I सरकार के दौरान 2004-05 की अवधि के लिए भारत के विदेश मंत्री थे. उन्होंने पाकिस्तान में राजदूत के रूप में भी कार्य किया तथा 1966 से 1971 तक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय से जुड़े रहे.वरिष्ठ राजनेता रणदीप सुरजेवाला ने एक पोस्ट में पूर्व विदेश मंत्री को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हिंदी में लिखा, ‘पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह जी के निधन की खबर दुखद है. ईश्वर उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे.’ उन्होंने सिंह की एक तस्वीर भी पोस्ट की. सिंह ने कई किताबें भी लिखी हैं, जिनमें ‘द लिगेसी ऑफ नेहरू, ए मेमोरियल ट्रिब्यूट’ और ‘माई चाइना डायरी 1956-88’ शामिल हैं. उनकी आत्मकथा का नाम ‘वन लाइफ इज नॉट इनफ’ है.

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