किच्छा शुगर कंपनी की 53वीं वार्षिक बैठक: ₹500 प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य की उठी मांग,डॉ. गणेश उपाध्याय ने जताई चिंता,

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लागत ₹1.16 लाख और आय मात्र ₹1.20 लाख; डॉ. गणेश उपाध्याय ने जताई चिंता

​किच्छा (संवाददाता): किच्छा शुगर कंपनी के गेस्ट हाउस में सोमवार को मिल की 53वीं वार्षिक साधारण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक लेखा-जोखा सदन के समक्ष रखा गया। इस दौरान गन्ना किसानों की आर्थिक बदहाली और खेती की बढ़ती लागत का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा।

​महंगाई ने तोड़ी किसानों की कमर

​बैठक में उपस्थित कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने गन्ना मूल्य में तत्काल वृद्धि की मांग उठाई। उन्होंने खेती के गणित को आंकड़ों के साथ पेश करते हुए कहा कि आज के समय में खेत की जुताई से लेकर फसल को चीनी मिल तक पहुँचाने में बढ़ती महंगाई ने किसानों की कमर तोड़ दी है।

​डॉ. उपाध्याय के अनुसार, “एक एकड़ में लगभग 300 क्विंटल गन्ने की फसल तैयार करने पर किसान का खर्च करीब 1 लाख 16 हजार रुपये आ रहा है। इसके विपरीत, वर्तमान गन्ना मूल्य के हिसाब से उसे मात्र 1 लाख 20 हजार रुपये प्राप्त हो रहे हैं।” उन्होंने कहा कि साल भर की मेहनत के बदले मात्र 4 हजार रुपये का लाभ ऊँट के मुँह में जीरे के समान है, जिससे किसान अब इस खेती से किनारा करने लगे हैं। उन्होंने सरकार और मिल प्रशासन से गन्ना मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल करने की पुरजोर मांग की।

​प्रशासन का आश्वासन

​किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद चीनी मिल के अधिशासी निदेशक एपी बाजपेयी ने आश्वासन दिया कि किसानों द्वारा दिए गए सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और उनके हित में उचित कार्य योजना तैयार की जाएगी।

किसानों की स्थिति पर चिंता

​बैठक में मौजूद कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने गन्ना मूल्य बढ़ाने की पुरजोर वकालत की। उन्होंने वर्तमान आर्थिक चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कहा:

  • बढ़ती लागत: जुताई से लेकर मिल तक गन्ना पहुँचाने में महंगाई के कारण किसान आर्थिक दबाव में हैं।
  • मुनाफे का अभाव: एक एकड़ में 300 क्विंटल गन्ना उगाने की लागत लगभग ₹1.16 लाख आती है, जबकि मौजूदा भाव पर किसान को केवल ₹1.20 लाख मिल रहे हैं।
  • मजदूरी का संकट: मात्र ₹4,000 के मामूली अंतर के कारण किसानों को अपनी मेहनत की मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है, जिससे वे इस खेती से विमुख हो रहे हैं।

​ये रहे मौजूद

​बैठक की अध्यक्षता सत्येंद्र सिंह ने की। इस अवसर पर मुख्य रूप से:

  • अधिकारी: प्रभारी मुख्य अभियंता डीसी पांडे, प्रभारी मुख्य रसायनज्ञ आशीष कुमार त्रिवेदी, प्रभारी मुख्य लेखाकार संजय कुमार पांडेय, प्रभारी गन्ना प्रबंधक ऋषिपाल सिंह और कंपनी सचिव आस्था मोहन।
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