Kichha: किच्छा में चरन हत्याकांड का पुलिस ने 48 घण्टे से भी कम समय में हुआ खुलासा, हत्यारोपी हुआ गिरफ्तार

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🛑 एसएसपी ऊधमसिंहनगर श्री मणिकांत मिश्रा के सख्त निर्देशों का दिखा असर– मात्र 48 घंटे में हुआ हत्या का खुलासा।
➡️ऊधम सिंह नगर पुलिस द्वारा कोतवाली किच्छा क्षेत्र में हुई हत्या का मात्र 48 घण्टे से भी कम समय में किया खुलासा एक अभियुक्त को किया गिरफ्तार

दिनांक-20-10-2024 को वादी मुकदमा श्रीमती मीरा देबी पत्नी चरण सिंह निवासी धाधाफार्म पोस्ट भंगा थाना किच्छा जिला उधमसिंहनगर ने थाना किच्छा में आकर तहरीर दी कि मेरे पति चरन सिंह उम्र 55 वर्ष पुत्र सोहन लाल निवासी धाधाफार्म तहसील किच्छा जिला ऊधम सिंह नगर विगत 3 माह से अब्दुल समी के लक्ष्मीपुर पराग फार्म किच्छा के यहाँ पालेज की चौकीदारी का कार्य कर रहे थे वहाँ पर मेरे दामाद धर्मेन्द्र पुत्र धर्मवीर निवासी आँवला जिला बरेली भी काम करते थे, दिनांक 19-10-2024 को समय लगभग 8:30 बजे मेरे दामाद धर्मेन्द्र जब लक्ष्मीपुर पराग फार्म पालेज में पहुचे तो पालेज के झोपड़ी के पास खून देखा उसके बाद अपने ससुर चरन सिंह की खोजबीन की तो पालेज की झोपड़ी के कुछ दूरी पर मेरे पति चरन सिंह का शव दिखाई दिया ,किसी आज्ञात व्यक्ति द्वारा मेरे पति की हत्या कर दी गयी के समबन्ध में तहरीर दी ।दाखिला तहरीर के आधार पर थाना किच्छा में FIR NO-419 /2024 धारा-103 (1) BNS बनाम अज्ञात के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया ।
गठित पुलिस टीम को सुरागरसी-पतारसी, सीसीटीवी फुटैज के अवलोकन व गवाहों के बयानों के आधार पर ज्ञात हुआ कि मृतक चरण सिंह धाधाफार्म में अब्दुल समी के सब्जी के पालेज में चौकी दारी का काम करता था जो रात्रि में भी वहीं पर झोपड़ी बनाकर रहता था घटना की तिथि दि0, 18-10-24 को मृतक का पुत्र सूरज कुमार तथा उसका दोस्त धर्मेन्द्र पुत्र छोटे निवासी सहदौरा थाना-सितारगंज जिला- उ0सिं०नगर दोनों पालेज पर आये मृतक के बेटा सूरज कुमार ने खाना बनाया तथा साथ में बैठकर खाना खाया तथा अत्यधिक दारु पी उसके बाद तीनों लोग सोने के लिए मचान पर चढ़ गये ।मृतक के बेटे के पास अभियुक्त धर्मेन्द्र का मोबाईल फोन था जो कि काफी महंगा था जिसकी कीमत लगभग 25000/- रुपये थी । अभियुक्त अपना मोबाईल फोन मृतक के बेटे सूरज से मांगने लगा तो मोबाईल फोन को लेकर सूरज और धर्मेन्द्र के बीच हाथापाई हुयी जिस पर मृतक चरण सिंह ने अपने बेटे सूरज के साथ मिलकर अभि0 धर्मेन्द्र को डाँटा और उसकी पिटाई भी की तो उसके बाद धर्मेन्द्र वहाँ से बच कर भाग गया और पलेज की झाड़ियों के बीच में छिप गया । जब कुछ देर बाद सूरज अपनी मो0 साईकिल से घर चला गया था तो अभि0 धर्मेन्द्र को मृतक के डाँटने तथा मोबाईल फोन को लेकर काफी गुस्सा था और वह बदला लेने की नियत से सूरज के घर जाने के पश्चात अभि0 धर्मेन्द्र ने मृतक चरण सिंह को पालेज के पास बनी झोपड़ी के बाहर सब्बल से सिर में तथा चेहरे में लगातार वार कर मौत के घाट उतार दिया तथा मृतक के शव को झोपड़ी के पास से खींचकर पालेज के अन्दर छुपा दिया। जिससे ये लगे की मृतक को किसी जंगली जानवर ने मार दिया हो तत्पश्चाच मृतक वहाँ से पैदल पैदल अपने घर सहदौरा चला गया तथा अपने कपड़े तथा सब्बल को घर के पीछे झाडियों में छुपा दिया था।

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