नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उधम सिंह नगर जिले में किच्छा के सिरौलीकलां में अभी तक पालिका का चुनाव का कार्यक्रम न घोषित किए जाने जाने को लेकर दायर जनहित याचिका समेत कई अन्य याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खंडपीठ में आज 24 सितंबर उपजिलाधिकारी किच्छा व्यक्तिगत रूप से पेश हुए.
कोर्ट ने उपजिलाधिकारी किच्छा से कई सवाल पूछे, जिसमे कोर्ट ने कहा कि ऐसी क्या जरूरत पड़ी की सिरोली कलां के चार वार्ड को नगर पालिका किच्छा से अलग किया गया, जबकि पहले इनको इसमें शामिल किया गया. अब चार वार्ड को लेकर नई नगर पालिका बनाई जा रही है.
कोर्ट ने उपजिलाधिकारी किच्छा से पूछा कि नई नगर पालिका की जनसंख्या कितनी है. उसका भू-क्षेत्र कितना है. क्या सर्वे रिपोर्ट है, ये सब कल तक कोर्ट में इसे पेश करे. मामले की अगली सुनवाई कोर्ट ने आने वाले कल गुरुवार 25 सितंबर को भी जारी रखी है. आज 24 सितंबर को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नतेंद्र व न्यायमूति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में हुई.
मामले के अनुसार सिरोलीकलां ग्राम निवासी मोहम्मद याशीन सहित अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि किच्छा नगर पालिका का विस्तारीकरण साल 2018 में हुआ था, जिसमें सिरौली कला, बंडिया, देवरिया व आजादनगर को बाद में शामिल किया गया था.
याचिकाकर्ताओं के अनुसार साल 2018 में ही नगर पालिका के चुनाव हुए, जिसमें सिरौलीकलां क्षेत्र में तीन वार्ड 18, 19 व 20 व कुछ क्षेत्र वार्ड नंवबर 17 को भी शामिल किया गया, लेकिन बादर में फिर हटा दिया गया. हालांकि बाद में कोर्ट के आदेश पर फिर से शामिल कर दिया गया.
याचिकाकर्ता का कहना है कि सिरौलीकलां नगर पालिका किच्छा में बीते 6 वर्षों से शामिल है. नगर पालिका की तरफ से इस क्षेत्र में अभी तक लगभग 5 करोड़ के विकास कार्य किये जा चुके है, जबकि अब वर्तमान में सिरौलीकलां को किच्छा नगर पालिका से पृथक किया जा रहा है, जिसका सिरौलीकलां क्षेत्रवासी विरोध करते है. वह चाहते हैं कि सिरौलीकला को नगर पालिका में ही रखा जाये. उनके यहां भी अन्य नगर पालिकाओं का कार्यकाल समाप्त होने के बाद तुरंत चुनाव कराए जायं. जबकि कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी प्रशासक ही पालिका कार्यभार सभालें हुए है, जिसकी वजह से उनके कई जरूरी कार्य नहीं हो पा रहे है. प्रशासक को ढूंढने के लिए दर दर भटकना पड़ता है. इसलिए पालिका का चुनाव शीघ्र कराया जाए.

