किच्छा:किसानों के सिर से अभी सरकारी खरीद लेट शुरू होने के बादल छंटे ही थे कि आसमां में अचानक से छाए बादलों और तेज बरसात ने किसानों के चेहरों की रौनक को गुम कर दिया है। किच्छा मंडी में में दोपहर करीब साढ़े चार बजे अचानक आसमां में काले बादल छाए और तेज गड़गडाहट के साथ बारिश शुरू हो गई। हालांकि किसानों ने मौसम को देखते हुए फसलों को त्रिपालें डालने की कोशिश की। लेकिन देखते ही देखते तेजी हुई बारिश ने किसानों को फसल को संभालने का मौका भी नहीं दिया। जिस कारण खुले आसमां के नीचे पड़ी लगभग सभी किसानों की फसल पानी में भीग गई। वहीं मंडी में भी जगह-जगह पानी जमा होने के कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बता दें कि इससे पहले एक अक्टूबर को ही किसान अनाज मंडी में धान लेकर पहुंच गए थे। लेकिन केंद्र सरकार ने खरीद 1अक्टूबर से करने की बात कही थी, जिस कारण मौसम में अंतिम दिनों में हुए बदलाव बताया था। लेकिन सरकारी तंत्र की वजह से तीन अक्टूबर से धान की खरीद शुरू करने इजाजत दे दी। अभी अनाज मंडी में पांच से सात ढेरी की तौल हुई थी कि अब बारिश ने किसानों की किस्मत पर पानी फेर दिया है। अनाज मंडी के शैड के नीचे सिर पकड़कर बैठे किसान ने बताया कि वह एक अक्टूबर को अनाज मंडी में धान लेकर पहुंचा था। शैड के नीचे जगह तो थी लेकिन फसल को अच्छी तरह से सुखाने के चक्कर में उसने खुले आसमां के नीचे अपनी फसल को रख दिया। तीन अक्टूबर को तौल शुरू हुई तो उसे उम्मीद थी कि सोमवार को उसकी फसल बिक जाएगी और वह शाम तक घर चला जाएगा। लेकिन धूप के बावजूद अचानक मौसम बदला और तेज बारिश के कारण उसकी धान की फसल पूरी तरह से बिग गई है। हालांकि उसने त्रिपालों के जरिए फसल को भीगने से बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन बारिश के साथ चली तेज हवाओं के कारण त्रिपालें उड़ गई और उसकी फसल भीग गई। अब उसे धान के सूखने तक मंडी में बैठने के लिए मजबूर होना होगा। वहीं गांव किसान जसविद्र सिंह ने कहा कि अनाज मंडी में अभी काफी कम धान पहुंचा है। ऐसे में अगर धान की खरीद खुले आसमां के नीचे रखी धान से की जाती तो किसानों को ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ता। अब बारिश के कारण खरीद एजेंसियों धान को खरीद करने में तरह तरह की बातें कहेंगी और उन्हें मंडी में चार से पांच दिन तक बैठने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।


