एटीएम की सुरक्षा भगवान भरोसेः जिम्मेदारी से बच रहे हैं जिम्मेदार,चोरों को दावत देते बिना गार्ड के एटीएम

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किच्छा: शहर की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के भले ही तमाम दावे किए जायें लेकिन हकीकत इससे कोसो दूर है। कानून व्यवस्था का जिम्मा संभाले पुलिस अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कितना मुस्तैदी से करती है इसकी बानगी किच्छा शहर में देखने को मिलती है। दिन भर अभियान पर अभियान छेड़ने वाला पुलिस महकमा रातों में खमोशी की चादर ओढ़े नजर आता है, न कहीं पर गश्ती दल ही दिखाई देता है और न ही रात के सन्नाटे को चिरती सायरन की आवाज सुनाई देती है। अगर कहीं पर दिखाई भी दे जाते है तो वह होते हैं रात्रि होमगार्ड बस इन्ही चंद रात्रि होमगार्ड के भरोसे पर ही टिकी है शहर की सुरक्षा व्यवस्था ।और किच्छा में अपनी जड़े जमा चुके शातिर चोरो ने किच्छा पुलिस के कान उमेठनेशुरू कर दिए है और किच्छा कोतवाली महज कानूनी घोड़े दौड़ाने का काम कर रही है।रात्रि 11 बजे से देर रात्रि ढाई बजे तक पैट्रोल कार का सड़को पर नही दिखाई देना,पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने के लिए काफी है।शहर की कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने की दावों की हवा निकलती दिखाई दे रही है। रात के समय शहर के विभिन्न क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने की बाते हवा हवाई साबित दिखाई देती हैपुलिस की रात्रि गश्त भी केवल रस्म अदायी भर की साबित हो रही है। पुलिस के सामने ओवरलोड रेत से भरे डंपर चल रहे है और किच्छा में खुलेआम घूम रहे चोरो ने किच्छा शहर को निशाना बनाते हुए आधा दर्जन से भी ज्यादा चोरियो को अंजाम देकर लाखो का माल लेकर रफूचक्कर हो गए और किच्छा पुलिस चौराहों से लेकर गली कुच्चो मे जहां पहले पुलिस गश्त पूरी मुस्तैदी से जुटी रहती थी। एक आध बार सायरन बजाकर रात्रि गश्त मे होने की रस्म अदायगी को जरूर निभा लिया जाता है। लेकिन वही अगर ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जय तो शायद ही गाँव वालो को यह पता हो की किच्छा पुलिस ने कभी रात को गावो में गश्त भी की है सबसे मजे की बात कोतवाली की जहां एक होमगार्ड के सहारे क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गयी। इसके अलावा रेलवे स्टेशन कोतवाली चौराहा के मुख्य चौराहों सुनसान ही नजर आये। कुल मिलाकर रात्रि गश्त के नाम पर जिस तरह से सुरक्षा व्यवस्था दूरुस्त बनाने के दम भरा जा है। रहा है वह महज खोखले साबित हो रहे शहर की सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त बनाने के लिऐ महकमे के आला अधिकारियों को भी ठोस कदम उठाने होगे तभी महकमें के प्रयास सार्थक होगें।

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