भंगा में ग्राम स्तरीय कृषक गोष्ठी में गन्ना शोध केन्द्र के वैज्ञानिकों ने परपंरागत बुवाई पद्धति से हटकर वैज्ञानिक विधि से गन्ना बुवाई करते हुए सहफसल के समावेश से अतिरिक्त लाभ अर्जित करने के बारे में जानकारी दी।गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र की गोष्ठी में डा. संजय कुमार ने जानकारी दी। डा. सिद्धार्थ कश्यप ने नवीनतम उन्नतशील गन्ना अगेती प्रजाति के बारे में बताया। संचालन गन्ना किसान संस्थान अनुदेशक जीवन चन्द्र पन्त ने किया।
गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, काशीपुर की ओर से आज दिनांक 13.02.2025 को गन्ना विकास परिषद, किच्छा के ग्राम भंगा में एक ग्राम स्तरीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन श्री जीवन चन्द्र पन्त, अनुदेशक गन्ना किसान संस्थान, काशीपुर द्वारा किया गया तथा उनके द्वारा वैज्ञानिक विधियों का अनुसरण कर गन्ना फसल की परम्परागत बुवाई पद्धति से हटकर वैज्ञानिक विधि से गन्ना बुवाई करते हुए सहफसल का समावेश कर अतिरिक्त लाभ अर्जित करने सम्बंध में जानकारी दी गयी।
गन्ना शोध केन्द्र काशीपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० संजय कुमार द्वारा गन्ना बुवाई की वैज्ञानिक विधियों, गन्ना फसल में की जाने वाली समस्त कर्षण क्रियाओं, खाद/उर्वरक व पोषक तत्व प्रबंधन, गन्ने की उत्पादन बढ़ाने की विधियों की जानकारी विस्तृत रूप से दी गयी। गन्ना शोध केन्द्र काशीपुर के यरिष्ठ वैज्ञानिक डा० सिद्धार्थ कश्यप द्वारा नवीनतम उन्नतशील गन्ना प्रजातियों जैसे अगेती प्रजाति में को० लख० 14201, को० 0118, को० 15023, को० पंत 12221, को०शा० 13235 तथा सामान्य प्रजाति में को० 17018, को० पंत 12226 एवं जल प्लावित क्षेत्र के लिये प्रजाति को० 98014 के सम्बंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। इसके अतिरिक्त गन्ना फसल में लगने वाले विभिन्न कीट जैसे दीमक, टॉप बोरर, कुरमुला की पहचान व उनकी रोकथाम तथा गन्ना फसल में लगने वाले रोग जैसे- लाल सडन (रैंड राट), स्मट व पोखा बोईंग आदि की पहचान व उसकी रोकथाम के बारे में तथा गन्ना फसल प्रबन्धन की विस्तृत जानकारी दी गयी। किच्छा के ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक श्री महेश प्रसाद द्वारा विभागीय योजनाओं, विभाग द्वारा दिये जाने वाले अनुदान व विभाग द्वारा गन्ना कृषकों के हित में किये जा रहें विकास कार्यों की जानकारी को विस्तार से बताया गया तथा वर्तमान में चल रहे बसंतकालीन गन्ना युवाई में स्वीकृत, शुद्ध व शोधित बीज का प्रयोग कर अधिक से अधिक गन्ना बुवाई करने का अनुरोध किया गया, इस हेतु चीनी मिल में तैयार गर्म जल शोधन संयंत्र (MHAT plant) जो कि मोबाइल वैन के रूप में उपलब्ध है, के द्वारा बीज गन्ना को शोधित करने हेतु कृषकों को जानकारी प्रदान की गयी। प्रशिक्षण में इफ्को के प्रतिनिधि श्री रिषभ साह द्वारा नैनो यूरिया, नैनो डी०ए०पी० व सागरिका का प्रयोग किस प्रकार गन्ना फसल के लिये लाभदायी है, की जानकारी दी गयी साथ ही इफ्को एम०सी० के प्रतिनिधि श्री पुनीत चौधरी द्वारा इफ्को के कीटनाशक रयायन व जैविक उत्पादों की जानकारी देते हुए उसके उपयोग व लाभ की जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण में प्रगतिशील गन्ना कृषक श्री तिरमल प्रसाद, श्री अशोक कुमार, श्री श्याम विहारी शर्मा, श्री मदन लाल, श्री भगवत शरण, श्री सुनील कुमार, श्री राम रतन शर्मा आदि बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त गोष्ठी में गन्ना पर्यवेक्षक श्री गंगा दत्त, श्री प्रताप सिंह, श्री महेश चन्द्र, श्री अरविन्द कुमार, श्री जगदीश शरण, श्री सचिन कुमार, मो० हसनैन आदि उपस्थित थे।






