कृषक गोष्ठी में गन्ने की प्रजाति व बेहतर बुवाई के बारे में किसानों को दी जानकारी

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गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, काशीपुर की ओर से को गन्ना विकास परिषद, किच्छा के ग्राम शान्तिपुरी नं0-01 में एक ग्राम स्तरीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी कार्यक्रम का संचालन श्री जीवन चन्द्र पन्त, अनुदेशक गन्ना किसान संस्थान, काशीपुर द्वारा किया गया तथा उनके द्वारा वैज्ञानिक विधियों का अनुसरण कर गन्ना फसल की परम्परागत बुवाई पद्धति से हटकर वैज्ञानिक विधि से गन्ना बुवाई करते हुए सहफसल का समावेश कर अतिरिक्त लाभ अर्जित करने सम्बंध में जानकारी दी गयी। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रचार एवं जनसम्पर्क अधिकारी श्री नीलेश कुमार ने बताया की प्रत्येक कृषक को नवीनतम तकनीकी के आधार पर गन्ने की बुवाई की जानी चाहिए साथ ही अपनी भूमि की जांच करानी चाहिए। भूमि में 16 प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते हैं अतः जांच करने पर हमे पता चलेगा की हमारी भूमि में कौन सी तत्व की कमी है तथा उसकी पूर्ति करने से हमारी जमीन की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। गोष्ठी का उद्देश्य कृषकों को उन्नत प्रजाति की गन्ना बीज की जानकरी, गन्ने की फसल में लगने वाले कीट बीमारियों तथा उसमें प्रयोग की जाने वाली दवाईयों, प्रति हे० उत्पादकता वढ़ाना इत्यादि के वारे में जानकरी प्रदान करना है। गन्ना शोध केन्द्र काशीपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० प्रमोद कुमार द्वारा नवीनतम उन्नतशील गन्ना प्रजातियों जैसे अगेती प्रजाति में को०लख० 14201, को0 0118, को0 15023, को०पंत 12221, को० शा० 13235 तथा सामान्य प्रजाति में को० पंत 12226, को०पंत 13224, को० पंत 97222 एवं जल प्लावित क्षेत्र के लिये प्रजाति को0 98014 के सम्बंध में तथा उसके उत्पादन की नवीनतम तकनीकि के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए इनके गुणों से अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त, गन्ना बुवाई की वैज्ञानिक विधियों, पोषक तत्व प्रबंधन, गन्ने की उत्पादन बढ़ाने की विधियों की जानकारी दी गयी। गन्ना शोध केन्द्र काशीपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० मुन्ना लाल द्वारा गन्ना फसल में की जाने वाली समस्त कर्षण क्रियाओं के साथ ही गन्ना फसल में लगने वाले विभिन्न कीट जैसे दीमक, टॉप बोरर, कुरमुला की पहचान व उनकी रोकथाम तथा गन्ना फसल में लगने वाले रोग जैसे- लाल सड़न (रैंड राट), स्मट व पोखा बोईंग आदि की पहचान व उसकी रोकथाम के बारे में तथा गन्ना फसल प्रबन्धन की विस्तृत जानकारी दी गयी। गन्ना विकास निरीक्षक श्री विनोद कुमार सिंह द्वारा विभागीय योजनाओं, विभाग द्वारा दिये जाने वाले अनुदान व विभाग द्वारा गन्ना कृषकों के हित में किये जा रहें विकास कार्यों की जानकारी को विस्तार से बताया गया तथा वर्तमान में चल रहे शरदकालीन गन्ना बुवाई में स्वीकृत, शुद्ध व शोधित बीज का प्रयोग कर अधिक से अधिक गन्ना बुवाई करने का अनुरोध किया गया। श्री भूपेन्द्र कुमार द्वारा आयोजित किये जाने वाली कृषक गोष्ठियों के महत्व एवं वैज्ञानिकों द्वारा बताये जाने वाले तकनीकियों को अपनाये जाने के लिये प्रेरित किया। प्रशिक्षण में प्रगतिशील गन्ना कृषक श्री कैलाश चन्द्र जोशी, श्री बिशन सिंह कोरंगा, श्री बिशन सिंह मेहरा, श्री राजेन्द्र सिंह खनका, श्री दिनेश काण्डपाल, श्री जोगेन्द्र सिह, श्री किशन सिंह आदि बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त गोष्ठी में गन्ना पर्यवेक्षक श्री रविशंकर काण्डपाल, सूर्य प्रताप सिंह, श्री महेश चन्द्र, श्री सुधीर कुमार, श्री कमल सिंह, श्री गंगा दत्त, श्री विशाल सेतिया, श्री प्रताप सिंह, श्री सचिन कुमार, श्री अरविन्द कुमार आदि उपस्थित थे।

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