किच्छा अस्पताल में नारी स्वास्थ्य पखवाड़े के दौरान झूठी वाहवाही के नाम पर नेतागिरी, जनता बदहाल: गणेश उपाध्याय

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किच्छा, राज्य आन्दोलनकारी व प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ गणेश उपाध्याय ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बदहाल है। चिकित्सकों की भर्ती और संसाधन विकसित करने के स्वास्थ्य मंत्री के दावों के बीच मरीज़ लगातार सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड का प्रदर्शन बेहतर होने की बजाए बदतर हुआ है। नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में बढ़ोत्तरी हुई है। किच्छा सीएचसी में चिकित्सा अधीक्षक, सर्जन, फिज़ीशियन, एनस्थीसिया सहित कुल 5 चिकित्सकों के पद लंबे समय से रिक्त हैं। जबकि रेडियोलॉजिस्ट के पद को समाप्त कर दिया है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि लगभग 125किमी दूर स्थित सुयालबाड़ी चिकित्सालय नैनीताल से 3 दिन के लिए एक्स्रे टैक्नीशियन किच्छा सीएचसी में आते हैं। सबसे पुरानी तहसील होने तथा नगर क्षेत्र की आबादी लगभग 2 लाख पार कर चुकी है, जिसके अनुसार किच्छा सीएचसी को उपजिला चिकित्सालय बनाना चाहिए था। परन्तु जनप्रतिनिधियों और राज्य सरकार की संवेदनहीनता के कारण किच्छा सीएचसी सहित आसपास स्थित शान्तिपुरी, हल्दी, पक्की खमरिया, नारायणपुर, बरा चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं व मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के नाम पर पूरे देश में ‘स्वास्थ्य नारी सेवा पखवाड़ा’ के अन्तर्गत सरकार स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने का ढ़ोल पीट रही हैं, वहीं स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति फटेहाल है। स्वास्थ्य पखवाड़े के नाम पर सांसद अजय भट्ट, वर्तमान व पूर्व विधायक व निर्वाचित अन्य जनप्रतिनिधि किच्छा सीएचसी में झूठी वाहवाही लूटने के लिए गरीब जनता की बदहाल स्थिति का मज़ाक उड़ा रहे है। सीएचसी किच्छा को उपजिला चिकित्सालय बनाने का काम वर्षों पहले हो जाना चाहिए था। परन्तु नेतागिरी की भेंट चढ़ चुका यह अस्पताल सफेद हाथी बनकर आज़ भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस मामले में शीर्घ ही जन आंदोलन किया जायेगा।

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