देहरादूनः उत्तराखंड में अधिकारियों के रिटायर्ड होने के बाद उन्हें नई जिम्मेदारी देने का प्रचलन वैसे तो पुराना है. लेकिन पिछले कुछ समय में ऐसे मामले बढ़ते हुए नजर आए हैं. हैरानी की बात यह है कि अब ऐसे अधिकारियों की भी सेवाएं लेने में सरकार गुरेज नहीं कर रही है. जिन पर सेवानिवृत्ति से पहले ड्यूटी के दौरान गलत काम के आरोप में मुकदमा दर्ज हैं.
ताजा मामला सीनियर पीसीएस अधिकारी रहे हरवीर सिंह का है. जिनका दूसरी बार कार्यकाल बढ़ाया गया है. आदेश में हरवीर सिंह का कार्यकाल बढ़ाने के पीछे कार्यहित को वजह बताया गया है. दरअसल, हरवीर सिंह सीनियर पीसीएस अधिकारी रहे हैं. जिन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद चीनी मिल बाजपुर के संगठनात्मक ढांचे में कार्यकारी प्रबंधक बनाया गया था. इस पद पर उनका पहला कार्यकाल 1 मार्च 2024 को 6 महीने के लिए बढ़ाया गया था. जबकि अब दूसरी बार फिर 6 महीने के लिए उन्हें फरवरी 2025 तक इसी पद पर बने रहने का मौका दिया गया है. हरवीर सिंह को सेवानिवृत्ति के बाद 25 अगस्त 2023 को सचिव शैलेश बगौली के हस्ताक्षर से 1 साल के लिए नियुक्ति दी गई थी.
ये है पूरा मामला: पिछले कुछ सालों के दौरान हरिद्वार के ज्वालापुर में शत्रु संपत्ति के खुर्दबुर्द का मामला सामने आया था. हैरानी की बात यह है कि इस मामले पर विजिलेंस ने जांच करनी शुरू की तो कई लोक सेवकों के भी नाम सामने आए. अपनी प्राथमिक जांच करने के बाद विजिलेंस ने मामले में 10 लोक सेवकों समेत 28 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया. खास बात यह है कि इसमें तत्कालीन एसडीएम हरवीर सिंह को भी विजिलेंस ने आरोपी बनाया है. मजे की बात यह है कि यह मामला सामने आने के बाद दो बार इस अधिकारी के शासन ने सेवा विस्तार के आदेश जारी किए हैं.
शासन ने सेवा विस्तार का यह फैसला सेवानिवृत अधिकारी को लेकर लिया है. जबकि सेवा में रहने वाले अधिकारियों के प्रमोशन और तैनाती के दौरान भी उसकी जांचों और मुकदमों को ध्यान में रखा जाता है. ऐसे सेवा विस्तार का ये फैसला हर किसी को हैरान कर रहा है.
विजिलेंस में डीजी वी मुरुगेशन से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि हरिद्वार में शत्रु संपत्ति मामले पर फिलहाल जांच चल रही है. जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी.