किच्छा:गन्ना वैज्ञानिक जिस ट्राइकोडर्मा को रेडरॉट बीमारी का नाशक मान रहे हैं। किच्छा चीनी मिल उस दवा को मुफ्त किसानों को दे रही है। गन्ना मूल्य भुगतान में हमेशा अग्रणी रहने वाली किच्छा चीनी मिल ने 20 जनवरी तक का भुगतान किया है। उन्नतशील प्रजातियों की बुआई के लिए किच्छा चीनी मिल अन्य सूक्ष्म तत्व मुफ्त किसानों को उपलब्ध करा रही है। किच्छा चीनी मिल द्वारा किसानों को चीनी मिल क्षेत्र में किसानों को निशुल्क दवा दी जा रही है
किच्छा चीनी मिल के अधिशासी निदेशक त्रिलोक सिंह मार्तोलिया ने कहा कि गन्ना प्रजाति कोसा 0238 वृहद एवं गंभीर रूप से रोग ग्रस्त हो गई है। इसकी बुआई कदापि न करें। नई प्रजाति सीओ 0118, 12226, सीओपी 9301, सीओ 16202, सीओ 15023 एवं सीओएल के 94184,17018, 14201,8272 गन्ने की प्रजाति की बुआई करें।
किच्छा चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक ऋषिपाल सिंह और ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक किच्छा महेश प्रसाद द्वारा गन्ना फसल को लाल सड़न रोग के संक्रमण से बचाने के लिए फफूंदी नाशक द्वारा पूरी रात बीज उपचार एवं ट्राइकोडर्मा द्वारा भूमि उपचार कराने के बाद ही बुवाई या पौध लगाने की बात किसानों को बताई गई। गन्ना फसल को लाल सड़न रोग के संक्रमण से बचाने के लिए फफूंदी नाशक द्वारा पूरी रात बीज उपचार एवं ट्राइकोडर्मा द्वारा भूमि उपचार कराने के बाद ही बुवाई या पौध लगाने की बात किसानों को बताई गई ।
किच्छा चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक ऋषिपाल सिंह ने कृषकों को 0238 के प्रतिस्थापन के लिए को 0118, को 15023 को लख 14201 एवं कोशा 13235 ,12226 गन्ना प्रजातियों की बुवाई करने की अपील की तथा स्वस्थ गन्ना फसल के लिए गन्ने के ऊपरी एक तिहाई हिस्से की बुवाई करने तथा अच्छे फफूंदी नाशक द्वारा बीज उपचार एवं ट्राइकोडर्मा द्वारा भूमि उपचार करने के पश्चात ही गन्ने की बुवाई करने की सलाह दी गई।






