Kichha:ग्राम सतुईया में ग्राम स्तरीय कृषक गोष्ठी का आयोजन।

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किच्छा:गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, काशीपुर की ओर से आज दिनांक 21.04.2025 को गन्ना विकास परिषद, किच्छा के ग्राम सतुईया में एक ग्राम स्तरीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन श्री जीवन चन्द्र पन्त, गन्ना किसान संस्थान, काशीपुर द्वारा किया गया तथा उनके द्वारा वैज्ञानिक विधियों का अनुसरण कर गन्ना फसल की परम्परागत बुवाई पद्धति से हटकर वैज्ञानिक विधि से गन्ना बुवाई करते हुए सहफसल का समावेश कर अतिरिक्त लाभ अर्जित करने सम्बंध में जानकारी दी गयी।

गन्ना शोध केन्द्र काशीपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा० प्रमोद कुमार द्वारा गन्ना बुवाई की वैज्ञानिक विधियों, गन्ना फसल में की जाने वाली समस्त कर्षण क्रियाओं, खाद/उर्वरक व पोषक तत्व प्रबंधन, एवं गन्ना प्रजातियों के साथ गन्ने का उत्पादन बढ़ाने की विधियों की जानकारी के साथ नवीनतम उन्नतशील गन्ना प्रजातियों जैसे अगेती प्रजाति में को०लख० 14201, को0 0118, को0 15023, को०पंत 12221, को०शा० 13235, को०शा० 17231, को०शा० 18231, तथा सामान्य प्रजाति में को0 17018, को० पंत 12226 एवं जल प्लावित क्षेत्र के लिये प्रजाति को0 98014 के सम्बंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।

गन्ना शोध केन्द्र काशीपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ० सिद्धार्थ कश्यप द्वारा वर्तमान में गन्ने में लगने वाले टॉपबोरर (चोटी बेधक) कीट के लक्षण जो कि पत्तियों में छेद कर नष्ट कर देती है जिससे पौधे की वृद्धि रूक जाती है, के बचाव के लिए प्रभावित पत्तियों को नष्ट करने तथा फेरोमोन ट्रैप और लाइट ट्रैप का प्रयोग करने को कहा गया और रासायनिक कट्रोल हेतु सिरासागी 150 ग्राम प्रति एकड का छिडकाव करने की सलाह दी गयी। इसके साथ ही पायरिला कीट का भी प्रभाव इस समय होता है जो गन्ने के रस को चूस कर फसल को नुकसान पहुंचाता है, इसके संक्रमण से बचाव हेतु इमिडाक्लोप्रिड 250 एमएल प्रति एकड, सिरासागी 150 ग्राम प्रति एकड, क्यूनालफास 300 मिली/ एकड, क्लोरपाइरीफास 30ई०सी० 500 मिली०/एकड आदि कीटनाशक में से किसी एक का खेत में छिडकाव कराने की सलाह दी गयी तथा खेत में नमी बनाने को कहा गया। गन्ना फसल में लगने वाले रोग लाल सड़न (रैड राट), स्मट व पोखा बोईंग आदि की पहचान व उसकी रोकथाम के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गयी।

किच्छा के ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक श्री महेश प्रसाद द्वारा विभागीय योजनाओं, विभाग द्वारा दिये जाने वाले अनुदान व विभाग द्वारा गन्ना कृषकों के हित में किये जा रहें विकास कार्यों की जानकारी को विस्तार से बताया गया तथा श्री प्रताप सिंह, गन्ना पर्यवेक्षक प्रचार-प्रसार प्रभारी किच्छा द्वारा नैनो यूरिया, नैनो डी०ए०पी० व सागरिका का प्रयोग किस प्रकार गन्ना फसल के लिये लाभदायी है तथा इफ्को के कीटनाशक रथायन व जैविक उत्पादों की जानकारी देते हुए उसके उपयोग व लाभ की जानकारी दी गयी।

प्रशिक्षण में प्रगतिशील गन्ना कृषक श्री वीरपाल, श्री प्रेम शंकर, श्री रोहित, श्री करन, श्री राजकुमार, श्री मेगराज, श्री देवेन्द्र, श्री शिवदयाल, श्री गंगाप्रसाद, श्री शिव चरण लाल, श्री जसवीर सिंह बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त गोष्ठी में श्री भूपेन्द्र कुमार, गन्ना विकास निरीक्षक, एवं सचिव प्रभारी श्री महेश चौहान के साथ किच्छा गन्ना पर्यवेक्षक श्री संचिन कुमार, श्री रविशंकर काडपाल, श्री महेश चन्द्र, श्री अरविन्द कुमार, श्री जगदीश शरण, श्री गंगादत्त, मो० हसनैन, श्री सुधीर आहूजा, श्री मो० युनूस, श्री विशाल सेतिया, श्री मदनलाल कालरा, आदि उपस्थित थे।

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