किच्छा: किच्छा चीनी मिल के अधिशासी निदेशक त्रिलोक सिंह मर्तोलिया ने बताया, कि किच्छा चीनी मिल कैम्पस में गन्ना प्रजाति COLK 15206 एवं COS 17231 की पॉलीबैग पौध तैयार करायी जा रही है, जिसे मुख्य खेत में ट्रांस्प्लान्ट किया जायेगा तथा इससे तैयार बीज को क्षेत्र के कृषकों को उपलब्ध करवाया जायेगा।
गन्ने की प्रजाति 238 में लाल सड़न की बीमारी लगने से चीनी मिल प्रबंधन ने सीओ 15206 गन्ने की प्रजाति के पौधे तैयार किया जा रहे है। चीनी मिल के गन्ना प्रबंधक ऋषि पाल सिंह ने बताया कि 150 पौधे से 900 पौधे तैयार कर तीन एकड़ गन्ने की बुबाई की जा सकती है। आगामी तीन साल में गन्ने की बीज पर्याप्त मात्रा में किसानों को उपलब्ध हो जाएगा शीघ्र ही गन्ने के बीज किसानों को बांटे जाएंगे।
गन्ना विकास परिषद के तहत किच्छा सहकारी समिति, हल्द्वानी सहकारी समिति सितारगंज सहकारी समिति, खटीमा सहकारी समिति एवं पंतनगर सहकारी समिति में गन्ना का रकबा हजारों हेक्टेअर है। इसमें लगभग 90 फीसदी 238 गन्ने की प्रजाति बोई जाती है। 238 गन्ने की प्रजाति में लाल सड़न बीमारी लगने के बाद गन्ना उत्पादन पर संकट खड़ा हो गया है। जिसे दूर करने के लिए किच्छा चीनी मिल प्रबंधन ने चीनी मिल परिसर में सीओ 15206 गन्ना प्रजाति के पॉली बैग पौधों के तैयार किया जा रहे हैं। यह उच्च शर्करा वाली प्रजाति है एवं इसकी चीनी रिकवरी रेट अन्य प्रजातियों से उत्तम है। इसका पांच सौ कुंतल प्रति एकड़ का उत्पादन है। तीन साल के दौरान पूरे क्षेत्र में इसका बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाएगा। गन्ना प्रबंधक ऋषिपाल सिंह ने बताया कि गन्ना प्रजाति सीओ 15206 की नर्सरी तैयार क्षेत्र के कृषकों को वितरित की जाएगी। चीनी मिल के अधिशासी निदेशक त्रिलोक सिंह मार्तोलिया ने पिछले साल कुछ कृषकों को गन्ना प्रजाति वितरित भी की है। संकट से निपटने के लिए पहले से बोई जा रही एवं गन्ना प्रजाति का क्षेत्रफल भी बढ़ाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद द्वारा विकसित गन्ना प्रजाति को 13235 एवं शीध्र पकने वाली उच्च शर्करायुक्त पंजाब द्वारा विकसित प्रजाति को बीज मंगा कर पौध तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस मौके पर गन्ना प्रबंधक ऋषिपाल सिंह, के चीफ अकाउंटेंट संजय पांडे, केन इंस्पेक्टर दुर्गेंद्र प्रताप, सहित कर्मचारी मौजूद थे
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